My joy is the golden sunset giving thanks for another day. -Jonathan Lockwood
Every soul must do worship but how to find the correct way? Sant Rampal Ji has revealed all hidden secrets of true worship, and worshipable Kabir god.
कबीर, न्याय धर्मयुक्त कर्म सब करैं, न कर ना कबहू अन्याय। जो अन्यायी पुरूष हैं, बन्धे यमपुर जाऐं।। भावार्थ:- सदा न्याययुक्त कर्म करने चाहिऐं। कभी भी अन्याय नहीं करना चाहिए। जो अन्याय करते हैं, वे यमराज के लोक में नरक में जाते हैं।
㋡🥀
Hubble Captures a Galactic Dance by NASA Hubble
गुरु ग्रन्थ साहेब, राग आसावरी, महला 1 के कुछ अंश- साहिब मेरा एको है। एको है भाई एको है। आपे रूप करे बहु भांती नानक बपुड़ा एव कह।। (पृ. 350) जो तिन कीआ सो सचु थीआ, अमृत नाम सतगुरु दीआ।। (पृ. 352) गुरु पुरे ते गति मति पाई। (पृ. 353) बूडत जगु देखिआ तउ डरि भागे। सतिगुरु राखे से बड़ भागे, नानक गुरु की चरणों लागे।। (पृ. 414) मैं गुरु पूछिआ अपणा साचा बिचारी राम। (पृ. 439) उपरोक्त अमृतवाणी में श्री नानक साहेब जी स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि साहिब (प्रभु) एक ही है तथा मेरे गुरु जी ने मुझे उपदेश नाम मन्त्र दिया, वही नाना रूप धारण कर लेता है अर्थात् वही सतपुरुष है वही जिंदा रूप बना लेता है। वही धाणक रूप में भी विराजमान होकर आम व्यक्ति अर्थात् भक्त की भूमिका करता है। शास्त्रविरुद्ध पूजा करके सारे जगत् को जन्म-मृत्यु व कर्मफल की आग में जलते देखकर जीवन व्यर्थ होने के डर से भागकर मैंने गुरुजी के चरणों में शरण ली।