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पूर्ण मुक्ति
शास्त्रों (कबीर साहेब की वाणी, वेद, गीता, पुराण, कुराण, धर्मदास साहेब आदि संतों की वाणी) के अध्ययन से मुक्ति नहीं होगी।
इन सभी शास्त्रों का एक ही सार (निचोड़) है कि पूर्ण मुक्ति के लिए पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के प्रतिनिधि संत (जिनको उनके गुरु द्वारा नाम देने की आज्ञा भी हो) से नाम उपदेश लेकर आत्म कल्याण करवाना चाहिए।
- सद्गुरु रामपाल जी महाराज जी
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Every soul must do worship but how to find the correct way? Sant Rampal Ji has revealed all hidden secrets of true worship, and worshipable Kabir god.
कबीर, छठे मास गुरू दर्श करन ते, कबहु ना चुको हंस। गुरू दर्श अरू सत्संग, विचार सो उधरै जात है वंश।। कबीर, छठे मास ना करि सके, वर्ष में करो धाय। वर्ष में दर्श नहिं करे, सो भक्त साकिट ठहराय।। भावार्थ:- गुरू जी के दर्शन छठे महीने अवश्य करें। सत्संग और गुरू दर्शन से पूरा वंश मुक्त हो जाता है। यदि छठे मास दर्शन नहीं कर सकता तो वर्ष में बेसब्रा होकर यानि अति उत्साह के साथ दर्शन करने जाए। यदि एक वर्ष में गुरू दर्शन नहीं करता है तो वह शिष्य भक्तिहीन माना जाता है।
"बच्चों को शिक्षा अवश्य दिलानी चाहिए" कबीर, मात पिता सो शत्रु हैं, बाल पढ़ावैं नाहिं। हंसन में बगुला यथा, तथा अनपढ़ सो पंडित माहीं।। भावार्थ:- जो माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाते नहीं, वे अपने बच्चों के शत्रु हैं। अशिक्षित व्यक्ति शिक्षित व्यक्तियों में ऐसा होता है जैसे हंस पक्षियों में बगुला। यहाँ पढ़ाने का तात्पर्य धार्मिक ज्ञान कराने से है, सत्संग आदि सुनने से है।
Mt. Rainier National Park, USA by Emilie Hofferber