कबीर, छठे मास गुरू दर्श करन ते, कबहु ना चुको हंस। गुरू दर्श अरू सत्संग, विचार सो उधरै जात है वंश।। कबीर, छठे मास ना करि सके, वर्ष में करो धाय। वर्ष में दर्श नहिं करे, सो भक्त साकिट ठहराय।। भावार्थ:- गुरू जी के दर्शन छठे महीने अवश्य करें। सत्संग और गुरू दर्शन से पूरा वंश मुक्त हो जाता है। यदि छठे मास दर्शन नहीं कर सकता तो वर्ष में बेसब्रा होकर यानि अति उत्साह के साथ दर्शन करने जाए। यदि एक वर्ष में गुरू दर्शन नहीं करता है तो वह शिष्य भक्तिहीन माना जाता है।
What do the scriptures say about the SUPREME GOD?
A. To know, must read the sacred book "Gyan Ganga"
Free Book For All
👆 Click Here 👆
Jujihun 주지훈
What is the story behind #Shradh? To know, Download our official Channel "Sant Rampal Ji Maharaj"
सत का सौदा जो करै, दम्भ छल छिद्र त्यागै। अपने भाग का धन लहै, परधन विष सम लागै।। भावार्थ:- अपने जीवन में परमात्मा से डरकर सत्य के आधार से सर्व कर्म करने चाहिए, जो अपने भाग्य में धन लिखा है, उसी में संतोष करना चाहिए। परधन को विष के समान समझें।
A devotee, who on reading the Book “Jeene Ki Raah (Way of Living)” will take initiation and worship according to the rules, will not have an untimely death.
JagatGuru Tattvadarshi Sant Rampal Ji Maharaj
Science Explorers Posters l NASA
by pepe_soho