This too shall pass l Mark Dobson l Cornwall England
On the occasion of Guru Purnima ( गुरु पूर्णिमा ) Must Know Why is Guru greater than God?
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Makar Sankranti 2024: India is known as the land of agriculture and diversity where people celebrate festivals with delight. The harvest festival Makar Sankranti is renowned for its diversity of celebrations and its religious significance. Go on to read about the right way to approach Makar Sankranti 2024.
कबीर, कछु कटें सत्संग ते, कछु नाम के जाप। कछु संत के दर्शते, कछु दान प्रताप।। भावार्थ:- भक्त के पाप कई धार्मिक क्रियाओं से समाप्त होते हैं। कुछ सत्संग-वचन सुनने से ज्ञान यज्ञ के कारण, कुछ नाम के जाप से, कुछ संत के दर्शन करने से तथा कुछ दान के प्रभाव से समाप्त होते हैं। जैसे वस्त्र पहनते हैं। मिट्टी-धूल लगने से मैले होते हैं। उनको पानी-साबुन से धोया जाता है। इसी प्रकार नित्य कार्य में पाप लगना स्वाभाविक है। इसी प्रकार वस्त्र की तरह सत्संग वचन, नाम स्मरण, दान व संत दर्शन रूपी साबुन-पानी से नित्य धोने से आत्मा निर्मल रहती है। भक्ति में मन लगा रहता है।
कबीर, गृह कारण में पाप बहु, नित लागै सुन लोय। ताहिते दान अवश्य है, दूर ताहिते होय।। कबीर, चक्की चौंकै चूल्ह में, झाड़ू अरू जलपान। गृह आश्रमी को नित्य यह, पाप पाँचै विधि जान।। भावार्थ:- गृहस्थी को चक्की से आटा पीसने में, खाना बनाने में चूल्हे में अग्नि जलाई जाती है। चौंका अर्थात् स्थान लीपने में तथा झाड़ू लगाने तथा खाने तथा पीने में पाँच प्रकार से पाप लगते हैं। हे संसारी लोगो! सुनो! इन कारणों से आपको नित पाप लगते हैं। इसलिए दान करना आवश्यक है। ये पाप दान करने से ही नाश होंगे।