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By wander_linaa
कबीर, जै गुरू परलोक गमन करे, सीख मानियो शीश। हरदम गुरू को साथ जानि, सुमरो नित जगदीश।। यदि गुरू जी सतलोक चले गए तो उनकी शिक्षा को आधार मानकर अपना धर्म-कर्म करते रहिए। अपने गुरूदेव को पल-पल अपने साथ समझकर परमेश्वर का भजन करो, जो गुरू जी ने दीक्षा मंत्र दिए हैं, उनका जाप करते रहो।
This image shows the spiral galaxy NGC 5037, which is found in the constellation of Virgo and was first documented by William Herschel in 1785.
Credits: ESA/Hubble & NASA, D. Rosario; L. Shatz
Just a timelapse.
January Full Wolf Moon © astronycc/cosmic_background
Earth 🤝 Jupiter By astronycc
‘‘साखी रूकनदीन काजी के साथ होई’’ जन्म साखी के पृष्ठ 183 पर कुछ वाणी इस प्रकार हैं:- नानके आखे रूकनदीन सच्चा सुणहू जवाब। खालक आदम सिरजिया आलम बड़ा कबीर। कायम दायम कुदरती सिर पिरां दे पीर। सजदे करे खुदाई नू आलम बड़ा कबीर।। भावार्थ:- श्री नानक जी ने कहा है कि रूकनदीन काजी! जिस खुदा ने आदम जी की उत्पत्ति की है। वह बड़ा परमात्मा कबीर है। वह ही पृथ्वी पर सतगुरू की भूमिका करता है। वह सिर पीरां दे पीर यानि सब गुरूओं का सिरताज है। सब से उत्तम ज्ञान रखता है। वह कायम यानि श्रेष्ठ दायम यानि समर्थ परमात्मा (कुदरती) है। मुसलमान अल्लाह कबीर कहते हैं। कबीर का अर्थ बड़ा करके बड़ा अल्लाह अर्थ करते हैं। श्री नानक जी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह बड़ा आलम कबीर है। मुसलमान जिसे अल्लाह कबीर कहते हैं यानि बड़ा अल्लाह कहते हैं। जन्म साखी में कबीर तथा बड़ा दोनों शब्द लिखे हैं जिससे कबीर का अर्थ कबीर ही रहेगा तथा बड़ा शब्द भी रहेगा। इसलिए स्पष्ट हुआ कि बड़ा परमात्मा कबीर है।
my_soulwax
On the occasion of Guru Purnima ( गुरु पूर्णिमा ) Must Know Why is Guru greater than God?
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Jupiter’s moon, Callisto.