My best friend has four paws.
by samanthacavet
‘‘साखी रूकनदीन काजी के साथ होई’’ जन्म साखी के पृष्ठ 183 पर कुछ वाणी इस प्रकार हैं:- नानके आखे रूकनदीन सच्चा सुणहू जवाब। खालक आदम सिरजिया आलम बड़ा कबीर। कायम दायम कुदरती सिर पिरां दे पीर। सजदे करे खुदाई नू आलम बड़ा कबीर।। भावार्थ:- श्री नानक जी ने कहा है कि रूकनदीन काजी! जिस खुदा ने आदम जी की उत्पत्ति की है। वह बड़ा परमात्मा कबीर है। वह ही पृथ्वी पर सतगुरू की भूमिका करता है। वह सिर पीरां दे पीर यानि सब गुरूओं का सिरताज है। सब से उत्तम ज्ञान रखता है। वह कायम यानि श्रेष्ठ दायम यानि समर्थ परमात्मा (कुदरती) है। मुसलमान अल्लाह कबीर कहते हैं। कबीर का अर्थ बड़ा करके बड़ा अल्लाह अर्थ करते हैं। श्री नानक जी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह बड़ा आलम कबीर है। मुसलमान जिसे अल्लाह कबीर कहते हैं यानि बड़ा अल्लाह कहते हैं। जन्म साखी में कबीर तथा बड़ा दोनों शब्द लिखे हैं जिससे कबीर का अर्थ कबीर ही रहेगा तथा बड़ा शब्द भी रहेगा। इसलिए स्पष्ट हुआ कि बड़ा परमात्मा कबीर है।
Staggering Swirls in Spiral Galaxies l Webb
l 19 nearby face-on spiral galaxies in near-& mid-infrared light
Tomoko M
"सति स्त्री के लक्षण" स्त्री सो जो पतिव्रत धर्म धरै, निज पति सेवत जोय।। अन्य पुरूष सब जगत में पिता भ्रात सुत होय।। अपने पति की आज्ञा में रहै, निज तन मन से लाग।। पिया विपरीत न कछु करै, ता त्रिया को बड़ भाग।। भावार्थ:- सती स्त्री उसको कहते हैं जो अपने पति से लगाव रखे। अपने पति के अतिरिक्त संसार के अन्य पुरूषों को आयु अनुसार पिता, भाई तथा पुत्र के भाव से देखे यानि बरते। अपने पति की आज्ञा में रहे। मन-तन से सेवा करे, कोई कार्य पति के विपरीत न करे।
@catching__the_light
Cassiopeia A, The Queen's Crown
Andromeda Galaxy (by the Association of Widefield Astrophotographers)